अब आपकी सांस से अनलॉक होगा फ़ोन | Unlock Smartphone with Breath
अब आपकी सांस से अनलॉक होगा फ़ोन | Unlock Smartphone with Breath
फिंगरप्रिंट के बाद अब आपकी सांस से भी आपका स्मार्टफोन अनलॉक हो सकता है. वैज्ञानिकों ने एक ऐसी तकनीक बनायीं है, जिसकी मदद से फ़ोन सिक्यूरिटी और मजबूत होगी.
गेजेट्स की सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए वैज्ञानिक अब ‘ब्रीदप्रिंट’ तकनीक पर काम कर रहे है. अभी ‘Facial Recognition या फिंगरप्रिंट’ सेंसर की मदद से स्मार्टफोन या किसी अन्य गेजेट को अनलॉक करने की सुविधा मिलती है. लेकिन साइबर ठग किसी की डिजिटल इमेज या फिंगरप्रिंट को भी आसानी से हैक कर उसकी निजी जानकारी चुरा रहे है. ऐसे में वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की गयी ‘ब्रीदप्रिंट’ तकनीक की मदद से लोग अपनी सांस(श्वास) के माध्यम से अपने स्मार्टफोन को अनलॉक कर सकेंगे.
हाल ही में चेन्नई स्थित IIT के वैज्ञानिकों ने एयर प्रेशर सेंसर से रिकॉर्ड किये गए ब्रीदिंग डेटा के साथ एक प्रयोग किया था. उनका दावा है कि सांस लेने के दौरान हवा में पैदा होने वाली हलचल बायोमेट्रिक authentication मेथड के रूप में काम कर सकती है, यानि उस हलचल से हम गेजेट्स को आसानी से अनलॉक कर सकते है. ये प्रयोग वैज्ञानिकों ने सांस की बीमारी के उपचार के दौरान किया था, इसमें AI मॉडल का इस्तमाल किया गया था जो सांस के मरीजों की पहचान कर सके. लेकिन ब्रीदिंग डेटा ने उम्मीद से ज्यादा जानकारी दी, उन्होंने पाया कि AI मॉडल एक बार किसी सब्जेक्ट की सांस के डेटा को एनालाइज कर लेता है तो 97 फीसदी एक्यूरेसी के साथ यह भी पता लगा सकता है कि उस व्यक्ति ने नयी सांस ली है या नहीं.
वैज्ञानिकों ने प्रति सेकंड 10.000 बार रीडिंग लेने के लिए एयर वेलोसिटी सेंसर का उपयोग करके 94 मानव परिक्षण विषयों में से प्रत्येक से 10 साँसे रिकॉर्ड की, फिर उस डेटा को AI मॉडल में फीड किया गया. अपने शोध को और अधिक पुख्ता करने के लिए वैज्ञानिकों ने यह भी परखा कि AI मॉडल 2 लोगों की सांस में अंतर कर पाता है या नहीं? इस काम में उसने 50 फीसदी से ज्यादा एक्यूरेसी के साथ करके दिखाया.
वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि इन्सान की नाक, मुंह, गले से साँस अन्दर जाते हुए जो हलचल पैदा होती है AI मॉडल उसके खास पैटर्न की पहचान कर सकता है. इसका सबसे बढ़ा फायदा यह होगा कि मृत इन्सान अपने व्यक्तिगत गेजेट्स को अनलॉक नहीं कर पायेगा. यह केवल जीवित लोगो पर ही काम करेगा. कुछ अध्ययनों से पता चला है कि मृत व्यक्ति के स्मार्टफोन को उसके फिंगर प्रिंट से अनलॉक किया जा सकता है. अभी यह प्रयोग शुरुआती चरण में है. इसको यूजर फ्रेंडली बनाने के लिए परीक्षण चल रहा है. उम्मीद है कि आगे आने वाले समय में भारत के साथ दुनिया भर में लोग अपनी सांस के जरिये अपने स्मार्टफोन को अनलॉक कर पायेगे.
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